आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक: नीति दरों में कटौती की संभावना
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) बुधवार को होने वाली अपनी नीति घोषणा में नीति दरों में 25 आधार अंकों की कटौती कर सकती है, ऐसा एक रिपोर्ट में कहा गया है। यह रिपोर्ट यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा जारी की गई है, जिसमें यह सुझाव दिया गया है कि महंगाई में आई गिरावट ने इस कदम के लिए जगह बनाई है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “हमारी प्रारंभिक दृष्टि इस बैठक में 25 आधार अंकों की रेपो दर कटौती की है। यह दृष्टिकोण वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई पूर्वानुमान में एक और तीव्र गिरावट के आधार पर है।” अगले अक्टूबर एमपीसी बैठक को लेकर बाजार में यह बहस चल रही है कि क्या समिति दरों में कटौती करेगी या उन्हें स्थिर रखेगी।
महंगाई में गिरावट और इसके प्रभाव
रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्त वर्ष 2026 के लिए महंगाई पूर्वानुमान में एक और महत्वपूर्ण गिरावट की उम्मीद है, जिसके चलते नए अनुमान अब 2.5 प्रतिशत के करीब हैं। इसके अलावा, इसमें 60 आधार अंकों का प्रभाव भी शामिल है, जो कि वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) के कारण है, जो अक्टूबर 2025 से लागू होगा।
यह भी बताया गया है कि मौद्रिक नीति समिति की बैठक में संचार उतना ही महत्वपूर्ण होगा जितना कि दर का निर्णय। रिपोर्ट में कहा गया है कि एक नरम रुख अपनाने से बांड बाजार और बैंक ऋण दरों के जरिए लाभ पहुंचाने में अधिक प्रभावी हो सकता है।
- महंगाई में गिरावट ने दर कटौती का मार्ग प्रशस्त किया।
- आरबीआई की नीति में कटौती से बाजारों में सकारात्मक भावना बढ़ेगी।
- जीएसटी सुधारों का सकारात्मक प्रभाव आर्थिक वृद्धि को समर्थन देगा।
रिपोर्ट में दी गई भविष्यवाणियाँ
रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट किया गया है कि जबकि अमेरिका के फेडरल रिजर्व ने पहले जोखिम प्रबंधन के तहत कटौती की घोषणा की थी, आरबीआई का कदम बाजारों के लिए अधिक सकारात्मक भावना लाने के रूप में कार्य कर सकता है। हालांकि, कटौती के अंतिम चरणों का सही समय निर्धारित करना हमेशा मुश्किल होता है, लेकिन रिपोर्ट का मानना है कि दिसंबर 2025 तक कम से कम एक और 25 आधार अंकों की कटौती की संभावना है।
हाल के महंगाई आंकड़ों में आई गिरावट को स्पष्ट रूप से स्वीकार करते हुए, जीएसटी सुधारों के सकारात्मक प्रभाव और चल रहे टैरिफ युद्धों से उत्पन्न वृद्धि चुनौतियों के बीच संतुलन रखना आवश्यक होगा, जिससे नीति मार्गदर्शन में मजबूती आएगी।
आरबीआई की तीन दिवसीय बैठक का महत्व
भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति की तीन दिवसीय बैठक मुंबई में शुरू हो गई है, जिसमें नीति दरों पर निर्णय लिया जाएगा। समिति के सदस्य रेपो दरों पर चर्चा करेंगे और मौजूदा आर्थिक स्थितियों की समीक्षा करेंगे ताकि एक निर्णय पर पहुंचा जा सके।
बैठक तीन दिनों तक चलेगी, जिसके बाद मौद्रिक नीति के परिणाम की घोषणा बुधवार, 1 अक्टूबर को की जाएगी। इस बैठक का मुख्य ध्यान अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति का आकलन करना और यह तय करना होगा कि क्या आर्थिक वृद्धि का समर्थन करने के लिए प्रमुख नीति दरों में कोई बदलाव आवश्यक है।
आरबीआई गवर्नर की महत्वपूर्ण घोषणा
आरबीआई के गवर्नर संजय मल्होत्रा बुधवार को सुबह 10 बजे बैठक के परिणाम की घोषणा करेंगे। यह निर्णय न सिर्फ आर्थिक स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण होगा, बल्कि बाजार में निवेशकों की धारणा को भी प्रभावित करेगा।
समिति की बैठक और उसके परिणाम से जुड़े इन पहलुओं पर ध्यान देना आवश्यक है, क्योंकि ये न केवल मौद्रिक नीति में बदलाव लाएंगे, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था की दिशा को भी प्रभावित करेंगे। ऐसे में सभी की नजरें इस बैठक पर रहेंगी।